दीपका: नर्मदेश्वर महादेव शिवलिंग का विशेष श्रृंगार एवं संगीतमय आरती बना आस्था का केंद्र , शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, महाकाल शैली में होता है पूजन व श्रृंगार ।

दीपका: नर्मदेश्वर महादेव शिवलिंग का विशेष श्रृंगार एवं संगीतमय आरती बना आस्था का केंद्र , शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, महाकाल शैली में होता है पूजन व श्रृंगार ।

छत्तीसगढ़/कोरबा ( राजेश सोनी दीपका रिपोर्टर ) दीपका नगर स्थित प्राचीन और प्रतिष्ठित दीपेश्वरी मंदिर में विराजित नर्मदेश्वर महादेव शिवलिंग का श्रृंगार प्रतिदिन नूतन रूप में किया जा रहा है। इस अलौकिक श्रृंगार को नमन तिवारी एवं जय सोनी विशेष रूप से सजाकर भक्तों को दिव्य अनुभूति प्रदान करते हैं , यह श्रृंगार उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर किया जाता है, जो अब दीपका की धार्मिक पहचान बनता जा रहा है ।
पूजन-अर्चन के उपरांत मंदिर परिसर में नर्मदेश्वर महादेव मित्र मंडल द्वारा संगीतमय आरती का आयोजन किया जाता है । इस मंडल में जय सोनी, नमन तिवारी, धर्मजीत यादव, धनंजय यादव, दिगेश साहू, सत्यदेव थवाईत, अकुंश साहू, विक्रमादित्य राठौर, वंश राठौर, शिवम् कुमार, कुंज राठौर, देवांशू साहू एवं भावेश चौहान प्रमुख रूप से शामिल रहते हैं ।
संध्याकालीन आरती के समय मंदिर परिसर ढोल, नगाड़ों, मंजीरों और शंखनाद से गूंज उठता है, जिससे वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो जाता है , उज्जैन महाकाल की तर्ज पर की जा रही इस आरती में नगर एवं आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सहभागी बनते हैं और गहन श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की आराधना करते हैं ।
इस आयोजन में मंदिर के पुजारी द्वारा विधिपूर्वक पूजन संपन्न कराया जाता है, जिसमें शिवभक्तों की उपस्थिति और भागीदारी उल्लेखनीय होती है। आरती के पश्चात श्रद्धालुओं को भोग-प्रसाद भी वितरित किया जाता है ।
यह दिव्य आयोजन पिछले दो से तीन वर्षों से नियमित रूप से संपन्न हो रहा है और अब यह केवल मंदिर की ही नहीं, बल्कि पूरे नगर की धार्मिक पहचान बन चुका है। स्थानीय श्रद्धालुओं सहित बाहर से आने वाले भक्तों के लिए भी यह एक आध्यात्मिक आकर्षण का केंद्र बन गया है ।
