क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आवाज़ बुलंद, प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन , पानी गिरते रहा, प्रदर्शन चलता रहा – जनसैलाब उमड़ा समस्याओं के खिलाफ ।

संवाददाता राजेश सोनी दीपका क्षेत्र की समस्याओं को लेकर आवाज़ बुलंद, प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन , पानी गिरते रहा, प्रदर्शन चलता रहा – जनसैलाब उमड़ा समस्याओं के खिलाफ ।
छत्तीसगढ़ /कोरबा दीपका क्षेत्र की जर्जर सड़कों, जलभराव, बदहाल सफाई व्यवस्था और कीचड़ से त्रस्त आमजन की समस्याओं को लेकर सोमवार, 7 जुलाई को दीपका रेलवे क्रॉसिंग से दीपका कॉलोनी प्रवेश मार्ग तक आयोजित धरना प्रदर्शन पूर्णतः सफल रहा। भारी बारिश के बावजूद आमजन का जोश और जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता इस बात का परिचायक रही कि जनता अब अपनी बुनियादी समस्याओं को लेकर पूरी तरह सजग और संगठित है ।
इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विधायक प्रतिनिधि नीलेश साहू ने किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि, पत्रकार बंधु और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए। बारिश लगातार होती रही, परंतु प्रदर्शनकारियों का उत्साह कम नहीं हुआ। लोग छातों और बरसाती की आड़ में भीगते हुए लगातार नारेबाज़ी करते रहे और अपनी बात रखते रहे।
मुख्य मांगें
धरने के माध्यम से पुनः तीन प्रमुख मांगों को ज़ोर-शोर से उठाया गया:
- दीपका कॉलोनी के प्रवेश मार्ग पर बैरिकेड्स गार्ड की स्थायी व्यवस्था।
- बारिश से उत्पन्न कीचड़ व जलभराव की नियमित सफाई।
- जर्जर सड़क की मरम्मत और ड्रेनेज व्यवस्था का समाधान।
विधायक प्रतिनिधि नीलेश साहू ने अपने संबोधन में कहा कि, “यह धरना किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए है। बारिश हो या धूप, जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जातीं, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।”
आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए एसईसीएल गेवरा सिविल विभाग के महाप्रबंधक रवि चंद्रा स्वयं प्रदर्शन स्थल पहुंचे और समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर जेसीबी मशीन लगाकर रास्ते से कीचड़ हटवाया गया।
धरने के अंत में प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर एसईसीएल प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा और अन्य समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की। चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
जनता का समर्थन
प्रदर्शन में महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
स्थानीय पार्षद हिमांशु देवांगन ने कहा, “हम बरसों से इसी गंदगी और कीचड़ में जी रहे हैं। यह प्रदर्शन हमारे धैर्य की अंतिम सीमा है।”
निष्कर्ष
यह धरना प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, बल्कि क्षेत्र के नागरिकों की एकजुटता और अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बनकर सामने आया। अब निगाहें प्रशासन पर हैं कि वह जनता की इस आवाज़ को कितनी गंभीरता से लेता है और कब तक ठोस कार्यवाही करता है ।