मितानिन दिवस पर कोनकोना में हुआ मितानिनों का सम्मान, मितानिन गांव की सेहत व स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता की सच्ची पहरेदार- अमिता राज।

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सुनील दास कि रिपोर्ट मितानिन दिवस पर कोनकोना में हुआ मितानिनों का सम्मान, मितानिन गांव की सेहत व स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता की सच्ची पहरेदार- अमिता राज


छत्तीसगढ़ /कोरबा 23 नवम्बर मितानिन दिवस के अवसर पर पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के ग्राम पंचायत भवन कोनकोना में बीते 24 नवम्बर को मितानिन सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे उपस्थित मितानिनों को सरपंच द्वारा तिलक लगा और साड़ी, श्रीफल देकर भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सरपंच श्रीमती अमिता राज ने मितानिन आशा दीदीयों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मितानिन गांव की सेहत, सुरक्षा और जागरूकता की सच्ची पहरेदार है। हर परिस्थिति में आगे बढ़कर लोगों की मदद करना, बच्चों व माताओं की देखभाल, दवा और पोषण संबंधी सलाह घर- घर पहुँचा रही है। मितानिन कार्यक्रम छत्तीसगढ़ में 23 नवम्बर 2003 में प्रारंभ हुआ। इस दौरान मितानिनों ने सच्ची लगन से कई वर्षों तक निशुल्क जनसेवा किया। इन सेवाभाव को देखकर छत्तीसगढ़ शासन ने 23 नवम्बर 2011 को मितानिन दिवस मनाने का निर्णय लिया। जहां नवम्बर में 23 तारीख से पूरे माह मितानिन दिवस ग्रामों स्तर में मनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि मितानिनों को जितना सम्मान दें कम है, क्योंकि वे गांवों में 24 घण्टे अपनी निस्वार्थ सेवा देती है। मितानिनों का दायित्व कोई शासकीय नौकरी नही है, जनसेवा के रूप में काम करती है। उन्हें केवल कुछ विशेष कार्य का ही क्षतिपूर्ति राशि मिलने के साथ बीते कुछ साल पहले मानदेय निर्धारित किया गया है, जो कि बहुत ही कम है। उन्होंने उपस्थित मितानिनों को 23 नवम्बर की बहुत- बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस सम्मान दिवस के मौके पर उपसरपंच शत्रुहन सिंह, पंच विनोद तंवर, भोले केशर, सचिव कैलाश सिंह, रोजगार सहायक छतेश कंवर, एमटी मुकेश कुमारी, बीसी राम किशोर, ग्रा.स.अ. जगत पाल, मितानिन मीरा बाई, रजनी, सुमिता कंवर, गायत्री, शुकवारो बाई महंत, बुंदकुंवर, श्वेता रानी, बीना सिंह तथा ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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