कोयला मंत्री के सामने भू विस्थापित एवं रोजगार विरोधी नीतियों को बनाने वाले अधिकारियों को काले झंडे दिखाने से पहले ही पुलिस ने रोका ।


कोयला मंत्री के सामने भू विस्थापित एवं रोजगार विरोधी नीतियों को बनाने वाले अधिकारियों को काले झंडे दिखाने से पहले ही पुलिस ने रोका ।
कोयला मंत्री के वापस लोटने तक सभी प्रदर्शनकारियों को सीनियर रिक्रेशन क्लब में किया नजरबंद ।
किसान सभा ने कहा कि भू विस्थापितों को उनके अधिकार से वंचित करने वाले एसईसीएल अधिकारियों का आगे भी होगा विरोध ।
रोजगार दिए बिना कोयला मंत्री के दौरा से कोयला उत्पादन का लक्ष्य कभी पूरा नहीं होगा:किसान सभा ।
छत्तीसगढ़/कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में कोयला मंत्री के गेवरा आगमन पर एसईसीएल के सीएमडी,बोर्ड मेंबरों के दौरे का जबरदस्त विरोध करने की तैयारी में जुट कर अपने अधिकार और मांग कर रहे भू विस्थापित और किसानों को पुलिस ने प्रदर्शन से पहले ही रोक लिया। और सभी को एसईसीएल के सीनियर रिक्रेशन क्लब में नजरबंद कर दिया और सभी को कोयला मंत्री के दौरा पूरा कर वापस लौटने के बाद ही पुलिस ने छोड़ा।
नजरबंद में प्रमुख रूप से किसान सभा के नेता प्रशांत झा, भू विस्थापित संघ के रेशम यादव,दामोदर श्याम,रघु,सुमेंद्र सिंह कंवर, जय कौशिक के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित उपस्थित थे।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि भूविस्थापितों के रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर इस क्षेत्र में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। कुसमुंडा में भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बैनर पर अनिश्चितकालीन धरना को 1257 दिन पूरे हो चुके हैं,जिन अधिकारियों ने रोजगार विरोधी नितियां बनाई है वे जमीन गंवाने वाले किसानों की तकलीफों को नजरअंदाज कर रहे हैं भू विस्थापित किसानों की आवाज कोयला मंत्री तक पहुंचाने और काले झंडे दिखाकर अपनी पीड़ा जताने का था लेकिन इससे पहले ही पुलिस प्रशासन ने सभी को रोक कर नजरबंद कर दिया।
कोयला मंत्री के साथ सीएमडी, और एसईसीएल के अन्य अधिकारियों के साथ यह दौरा कोयला उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से हो रहा है, क्योंकि पिछले दो सालों से इस क्षेत्र में कोयला उत्पादन लगातार बाधित हो रहा है और उत्पादन लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। इस दौरे की खबर लगते ही भूविस्थापित आक्रोशित हो गए। उनका कहना है कि रोजगार दिए बिना कोयला उत्पादन के लक्ष्य को पूरा नहीं होने देंगे।
भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव, दामोदर श्याम, रघु,सुमेंद्र सिंह,जय कौशिक ने कहा है कि एसईसीएल प्रबंधन को उत्पादन बढ़ाने से पहले भूविस्थापितों के समस्याओं का समाधान करना होगा, अन्यथा कोयला से जुड़े किसी भी अधिकारी के दौरे का आगे भी विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक ओर वे अपनी भूमि के अधिग्रहण के बाद रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं, दूसरी ओर ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर इस क्षेत्र में एसईसीएल अपने मुनाफे के महल खड़े कर रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों की इस नीति का हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा। जमीन गंवाने वाले लोग केवल रोजगार नहीं सम्मान और पहचान की तलाश में भी है।
भू विस्थापितों ने कहा कि पिछले चार दशकों से भूविस्थापित रोजगार के लिए एसईसीएल कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बहुत सारे नियमों का हवाला देते हुए उन्हें रोजगार देने से इंकार किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों का रुख अभी भी शांतिपूर्ण है लेकिन उनमें गहरा दर्द और नाराजगी है उनका कहना है कि अगर अब भी सरकार और अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे आंदोलन को तेज करने पर मजबूर होंगे।