बांकीमोंगरा के पीआईसी सदस्य व पार्षद दिलीप दास पर लगा कुसमुंडा थाना में गंभीर आरोप , क्या होगी कार्यवाही ।

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रुपेश महंत जिला ब्यूरो कोरबा बांकीमोंगरा के पीआईसी सदस्य व पार्षद दिलीप दास पर लगा कुसमुंडा थाना में गंभीर आरोप , क्या होगी कार्यवाही ।

छत्तीसगढ़/कोरबा नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 23 के पार्षद व पीआईसी सदस्य दिलीप दास पर एक बार गंभीर आरोप लगा है । कुछ दिन पूर्व ही दिलीप दास पर गेवरा बस्ती के वार्ड क्रमांक 25 में सीसी रोड निर्माण पर भ घटिया सामग्री व तय मानकों की अनदेखी का आरोप लगा था , वहीं कहीं 2 -3 इंच तो कहीं 5 इंच सड़क बनाने व वाइब्रेटर मशीन का इस्तेमाल नहीं किया था । जहां उप मुख्यमंत्री व कोरबा प्रभारी मंत्री अरुण साव सहित अन्य आला अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचा था । लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ जिससे कई सवाले पैदा कर रहे हैं ।
अब पार्षद व पीआईसी सदस्य नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा दिलीप दास पर एक और मामला सामने आया है । जिसमें प्रार्थी आदर्श नगर कुसमुण्डा निवासी सुनिता अग्रवाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कुसमुंडा थाना में लिखित शिकायत दी है कि दिलीप दास ने उनके बेटे विनय अग्रवाल को जान से मारने की धमकी दी है और उनकी बहू सुमन अग्रवाल के साथ मिलकर घर से सोना गायब किया है ।
शिकायत के अनुसार, सुनिता अग्रवाल ने बताया कि उनके बेटे और बहू के रिश्ते पिछले कुछ महीनों से ठिक नहीं चल रहे हैं । उन्हें शक था कि बहू सुमन का नज़दीकी संबंध पार्षद दिलीप दास से है । 22 मई 2025 की रात करीब 1:30 बजे उन्होंने अपने घर में दिलीप दास को देखा, जिसके बाद उनकी बहू ने धमकी दी कि अगर उन्होंने यह बात बेटे को बताई तो वह अपनी जान दे देंगी ।
सुनिता अग्रवाल का आरोप है कि बाद में घर के लॉकर से सोना गायब हो गया, और बेटे ने जब इस बारे में दिलीप दास से पूछा तो उन्होंने धमकी दी कि “तेरे को मरवा दूंगा । वहीं बहू सुमन ने भी साफ कह दिया कि वह पति के साथ नहीं रहना चाहती और तलाक के बदले 20 लाख रुपये की मांग की, अन्यथा पूरे परिवार को बर्बाद करने की धमकी दी ।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी बहू एक महीने से घर नहीं लौटी है और फोन कॉल का जवाब नहीं दे रही । इस पूरे मामले में उन्हें और उनके परिवार को दिलीप दास और सुमन अग्रवाल से जान का खतरा है । उन्होंने पुलिस से सुरक्षा और कड़ी कार्रवाई की मांग की है ।
शिकायत के बाद सवाल यह उठता है कि क्या इस मामले पर पार्षद दिलीप दास पर क्या कार्यवाही होगा ।

क्या दिलीप दास को अब भी पीआईसी सदस्य के पद बनाएं रखा जाएगा ।

क्या दिलीप दास पर इस तरह के आरोपों पर बीजेपी उसे पार्टी से निष्कासित करेंगे , जबकि दिलीप दास बीजेपी नेता भी हैं ।

क्या इन गंभीर मामलों के बाद भी दिलीप दास को जनप्रतिनिधि के रुप में बनाएं रखना उचित है ।

क्या जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए सत्ताधारी दल और नगर पालिका व पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करेंगे ।

क्या भ्रष्टाचार और धमकी जैसे गंभीर आरोपों पर सख्त कदम उठायेंगे या मामला को अनदेखा किया जा सकता है ।

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