एसईसीएल कर्मचारी कर रहे हैं अपने ही अधिकारियों के साथ बैठक , पालिका उपाध्यक्ष के गैर मौजूदगी में कर रहे हैं प्रतिनिधि ।


एसईसीएल कर्मचारी कर रहे हैं अपने ही अधिकारियों के साथ बैठक , पालिका उपाध्यक्ष के गैर मौजूदगी में कर रहे हैं प्रतिनिधि ।

छत्तीसगढ़/कोरबा नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा नगर काफी चर्चें में है । जबसे बांकीमोंगरा पालिका अस्तित्व में आया है तब से लेकर कुछ न कुछ सिलसिले को लेकर बांकीमोंगरा नगर में चर्चा का विषय बनता जा रहा है । इसी चर्चें में एक चर्चा है एसईसीएल कर्मचारी का ।
एसईसीएल कुसमुंडा परियोजना डिजल सेक्शन वर्कशॉप ( न: 3 ) में डंपर ऑपरेटर के पद पर पदस्थ कार्यकर गोवर्धन सिंह कंवर का है । जिसका पत्नी श्रीमती गायत्री कंवर नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा में उपाध्यक्ष है । लेकिन पालिका उपाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे हैं उनके पति गोवर्धन सिंह कंवर ।
पत्नी की गैर मौजूदगी में एसईसीएल प्रबंधन में पहुंचकर पालिका उपाध्यक्ष का भुमिका निभा रहे हैं तो कभी पालिका परिषद की बैठक में शामिल होकर जनप्रतिनिधित्व कर रहे हैं । गोवर्धन कंवर एक एसईसीएल कर्मचारी हैं इसके बावजूद वे नगर पालिका की बैठकों में जनप्रतिनिधि की बनकर भुमिका निभा रहे हैं ।
विचार विभिन्न हो रहे हैं , क्या किसी सरकारी या संस्था का कर्मचारी दुसरी संस्था में जनप्रतिनिधि की भुमिका निभा सकता है । यदि हां , तो इसकी अनुमति किसने दी और यदि नहीं , तो क्या प्रशासनिक लापरवाही नहीं माना जाएगी । “तनख्वाह एसईसीएल का और काम नगर पालिका का , क्या संभव है ।” स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति नियमों और पारदर्शिता दोनों का उलंघन है ।
इसी बीच, नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की बदहाली और ठेकेदारों की लापरवाही को लेकर लोगों में पहले से ही नाराजगी है । ऐसे में इस प्रकरण ने जनता का गुस्सा और बढ़ा दिया है , नगर पालिका परिषद से जुड़े जनता की मांग है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और स्पष्ट किया जाए कि गोवर्धन कंवर किस अधिकार से नगर पालिका की बैठकों में जनप्रतिनिधि बनकर हिस्सा ले रहे हैं । यदि यह कार्रवाई नियम विरुद्ध पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर प्रकरण पर कब तक चुप्पी साधे रहता है या फिर जनता की आवाज़ पर ध्यान देते हुए ठोस कार्यवाही करता है ।