कुसमुंडा खदान में तेरह साल पुरानी बस से किया जा रहा है एसईसीएल के कामगारों को ढोने का काम , बारिश की तेज धार से भी बह रही बस अंदर पानी।


कुसमुंडा खदान में तेरह साल पुरानी बस से किया जा रहा है एसईसीएल के कामगारों को ढोने का काम , बारिश की तेज धार से भी बह रही बस अंदर पानी।
छत्तीसगढ़/कोरबा – एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में वर्करों को खदान से कार्यस्थल लाने ले जाने के लिए प्रबंधन द्वारा चारपहिया और बस वाहनों की व्यवस्था की गई है,यह व्यवस्था प्रबंधन द्वारा अपने कामगारों को सुरक्षित रखने के लिए की गई है, परंतु इस सुरक्षा को कैसे चंद पैसों के लालच में खिलवाड़ किया जा रहा है ये तस्वीरें बयां कर रही है। प्रबंधन द्वारा अपने कामगारों को हाल फिलहाल में टेंडर में देरी की वजह से रिक्यूजेशन (त्वरित व्यवस्था) के तहत बस की व्यवस्था की गई है, इसी का फायदा कुछ तथाकथित ठेकदार उठा रहे हैं, नए टेंडर में वर्तमान सत्र की वाहन देने का प्रावधान होता है वहीं रिक्विजिशन में भी वर्तमान सत्र की नहीं पर उसी के समतुल्य अच्छी बस देने का प्रावधान होता है, परंतु यहां तेरह तेरह साल पुरानी कबाड़ बस से कामगारों को ढोया जा रहा है। ऐसे बस की बारिश होने पर बाहर से अधिक अंदर में पानी गिर रहा है।
देखिए वीडियो👇👇👇👇👇👇👇👇https://youtube.com/shorts/MCaIlIitLto?si=Qzl9PoPrjQzd_h0J
दरअसल एस ई सी एल कुसमुंडा के E&M विभाग के साथ मिली भगत कर एक 13 वर्ष पुरानी बस को SECL के कर्मचारियों को खदान के अंदर लाने ले जाने के लिए बस लगवाया गया, जिसमे छत से पानी टपकता नहीं बल्कि पानी की धार बस के अंदर गिर रही है, SECL प्रबंधन अपने कर्मचारियों के लिए लाखो रु खर्च कर रही मगर जो सुविधा मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रही है, क्योंकि SECL के अधिकारिओ की तथाकथित ठेकदार पर आंख मूंद कर मेहरबानी की वजह से ये सब हो रहा है।
जब हमने पता किया की आखिर किसके नाम पर रिफुजिशन के तहत कार्य मिला है तब हमें के. अर्जुन मुख़र्जी के नाम पर FRID बना हुआ है l सोचने वाली बात यह है की आखिर SECL कुसमुण्डा के अधिकारी आंख बंद कर गाड़ी लगा लेते है उस बस की फिटनेस कंडीशन कुछ नहीं देखते है लाखो रु पानी की तरह बहा दो l
इस मामले पर जब हमने E&M के मुख्य अधिकारी प्रकाश नंदी से बात की तो उनका कहना है की जब पेपर आया तो हमने साइन कर दिए गाड़ी की फिटनेस कंडीसन चेक करना हमारा काम नहीं है।