बांकीमोंगरा – जिला प्रशासन के आदेशों को दरकिनार कर खुलेआम किया जा रहा है अवैध रेत उत्खनन।


बांकीमोंगरा -जिला प्रशासन के आदेशों को दरकिनार कर खुलेआम किया जा रहा है अवैध रेत उत्खनन।
चित्रकांत पंथ ब्यूरो चीफ कटघोरा विधानसभा क्षेत्र
छत्तीसगढ़/कोरबा प्रतिबंध होने के बाद भी कटघोरा विधानसभा क्षेत्र के जवाली के खोलार, दुल्हिकछार नाला से रेत का अवैध परिवहन और उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। ट्रैक्टर मालिक वाहन चालक और मजदूरों की जान जोखिम में डाल कर उन्हें नदी के बहते पानी के भीतर से रेत निकालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। और दोगुने- तिगुने दाम में रेत की बिक्री कर रहे हैं। खनिज अधिकारियों की नजर नहीं होने के कारण अवैध कारोबार जारी होने के साथ ही नाले तट में मिट्टी का कटाव हो रहा है।बारिश का दौर जारी होने के कारण खनिज विभाग ने नदी अथवा नालों में रेत के अलावा अन्य गौण खनिज के परिवहन अथवा उत्खनन को प्रतिबंधित कर दिया है। नियम की अनदेखी करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में मनमाने तरीके अवैध उत्खनन किया जा रहा है। निकटवर्ती नदियों में रेत कम होने से बांकीमोगरा सहित आसपास के लोग ज्यादातर रेत परिवहन नालों से कर रहे हैं। जिन स्थानों से अधिक रेत परिवहन किया जाता है उनमें जवाली के खोलार, दुल्हीकछार नाला सहित सलिहापारा, देवरी , सुमेधा, गजरा , तेलसरा , पुरेना नदी अन्य स्थानों के नाला शामिल हैं। बारिश के कारण इन दिनों नदी या नालों में पानी का बहाव जारी है। प्रतिबंध के बाद भी ट्रैक्टर को नदी में उतारा जा रहा है। नाला व नदियों में पानी भराव होने के बाद भी जिस तरह से रेती को निकाला जा रहा वह वास्तव में मजदूर और ट्रैक्टर चालकों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ साबित हो रहा है। मजदूरों को अधिक मजदूरी का लालच देकर उन्हें रेत निकालने के लिए प्रेरित किया जा रहा। रेत बिक्री के एवज में इन दिनों प्रति ट्रैक्टर 2000 से 3000 रुपये मिल रहा है। गांव के नालों तक खनिज अधिकारियों की पहुंच नहीं होने के कारण कारोबार जारी है। यही हाल शहरी क्षेत्रों का है, लगातार खबर प्रकाशित करने के बावजूद खनिज विभाग द्वारा देखकर भी अनदेखा किया जा रहा।