मौत का कुंआ: पेट की खातिर जान की बाजी लगाकर दिखाते हैं करतब, दूसरों के मनोरंजन के लिए मौत से दोस्ती ।

0
IMG-20250308-WA0002.jpg

मौत का कुंआ: पेट की खातिर जान की बाजी लगाकर दिखाते हैं करतब, दूसरों के मनोरंजन के लिए मौत से दोस्ती


छत्तीसगढ़/कोरबा जिले के पाली नगर में महाशिवरात्रि पर्व के साथ ही मेला का आयोजन हो रहा है। जहां अनेको स्टॉल्स लगे है, इसमें स्थानीय और आसपास क्षेत्र से आए लोगों का मनोरंजन भी भरपूर हो रहा है। लेकिन इन सबके बीच मेले में मनोरंजन का एक साधन सबसे अलग है, और वह है मौत का कुंआ। फटफट करती बाइक की आवाज और एक बड़े से कुंए में फर्राटे से चलती कार तथा इन्हें हाथ छोड़कर चलाते कलाकार, जो अपने व परिवार के पेट की खातिर अपनी जान दांव पर लगाकर दर्शकों का मनोरंजन करते है। जिसे लोग चाव से देखते है।

बचपन मे मेला सबको खूब भाता है। इसके साथ ही बड़े भी मेले का लुप्त उठाने से पीछे नही रहते। मेले में नाना प्रकार के चीजों की दुकाने लोगों को परस्पर अपनी ओर खींचता है। बच्चे, युवा, जवान, महिलाएं सभी झूले का भी जमकर आनंद लेते है। वहीं एक कुंए के जैसे गहरी खाई सी दिखने वाली जगह, जिसे मौत कुंआ कहते है। जिसमे कार और बाइक से स्टंट दिखाने वाले लोग चंद पैसों के लिए खुद की जिंदगी भी दांव पर लगाकर दर्शकों का मनोरंजन करते है। जिस जोखिम भरे रोमांच को देखने के लिए लोग मौत कुंआ की ओर खिंचे चले जाते है। मारुति 800 कार और पुरानी यामहा RX100 में सवार अभ्यस्त स्टंटबाज जो गुरुत्वाकर्षण को धता बताते हुए उस कुंए के अंदर चारो तरफ तेज स्पीड में अपने वाहनों को धुमाते हुए अपने करतब का प्रदर्शन करते है। जो जोखिमभरे करतब केवल ये अपना व अपने परिवार के पेट पालने को लेकर करते है। इस प्रदर्शन में दुर्घटनाएं आम है, क्योंकि स्टंटमैन कभी- कभी वाहनों से नियंत्रण खो जाने या अन्य कारणों से गिरकर बुरी तरह घायल भी हो जाते है। जिस खतरनाक खेल को देखने से रोंगटे खड़े हो जाते है, लेकिन फिर भी मेले में यह मनोरंजन का प्रमुख केंद्रबिंदु रहता है। मौत कुंआ संचालक का कहना है कि एक मेले में 15 से 20 हजार तक कि बचत कर लेते है। वर्तमान में ईंधन लागत और मामूली टिकट की कीमतों के कारण लाभ मार्जिन कम और खतरा ज्यादा होता है, लेकिन परिवार चलाने के लिए ये करतब दिखाते है और जहां भी इस तरह के मेले लगते है, वहां पहुँच जाते है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *